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Thursday, January 6, 2011

यादों का बसेरा

वक्त का पहिया पल-पल आगे बढ़ता जा रहा है...हर पल अतीत का हिस्सा बनता जा रहा है.. लेकिन इस अतीत के कुछ पल ऐसे हैं..जो जब-तब याद आकर गुदगुदाते हैं.. हंसाते हैं.. कभी रुलाते हैं.. तो कभी  होठों पर एक मुस्कान खींच जाते हैं. कभी भीड़ में तन्हा कर जाते हैं... कभी तन्हाई में महफिल का अहसास करा जाते हैं. ऐसे ही कुछ पलों को संजोएंगे हम और आप.. बांटेंगे वो खट्टी-मिठी यादें.. जो हैं तो अतीत का हिस्सा.. लेकिन जब-तब गुजरे हुए वक्त की याद ताज़ा कर जाती हैं.

 यादें.. यादें.. और यादें

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